Ab Rukna Mat

जब लगा सब देख लिया
फिर तुम आ गए
ठिठुर रहा था मैं ठंड में
तुम पतली कमीज़ पहन आ गए
बुझ सी रही थी आग सीने में
तुम और लकड़ी लेके आ गए

जादू फैलाए जा रहे मुझ पर अपना
अब रुकना मत, अब रुकना मत
छाए रहते हो मेरे दिल-ओ-दिमाग़ में
अब रुकना मत, अब रुकना मत

शायद तुम्हीं नहीं चाहते थे
हमारी पहली मुलाक़ात हो ख़तम कभी
बहुत छोटा था ये वस्ल मेरे लिए
बस तीन बार हाथ मिलाया और २० बार नज़रें

मिलाते रहो हज़ार नज़रें मुझ से
अब रुकना मत, अब रुकना मत
फेरे जा रहे हाथ अपना मेरे चेहरे पर
अब रुकना मत, अब रुकना मत

जब लगा सब देख लिया
फिर तुम आ गए
ठिठुर रहा था मैं ठंड में
तुम पतली कमीज़ पहन आ गए
बुझ सी रही थी आग सीने में
तुम और लकड़ी लेके आ गए

जादू फैलाए जा रहे मुझ पर अपना
अब रुकना मत, अब रुकना मत
छाए रहते हो मेरे दिल-ओ-दिमाग़ में
अब रुकना मत, अब रुकना मत



Credits
Writer(s): Manoj Chaudhary, Papon
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