Aaja Ve

छोड़ के जाने वाले, छोड़ रहा क्यूँ?
इतना बता दे, इतना बता दे
इश्क़ ख़ुदा है तो फिर है जुदा क्यूँ?
इतना बता दे, इतना बता दे

राह दिखा दे या रेत बना दे
कि ये ग़म की शाम ढले

आजा वे, आजा वे
ना जा वे, ना जा वे

राह दिखा दे या रेत बना दे
कि ये ग़म की शाम ढले

आजा वे, आजा वे
ना जा वे, आजा वे

हम इश्क़ दुआ पढ़ते थे
राँझा बन के फिरते थे
तूने कितना भी तोड़ा
हम टूटते थे, जुड़ते थे

सौंधी-सौंधी सी ख़ुशबू
जब फूल खिला करते थे
चाहे धूप हो या हो तूफ़ाँ
हम साथ चला करते थे

पूछना है, ऐ ख़ुदाया
दिल क्यूँ दुखा दिया
जानता था जान है वो
फिर भी जुदा किया

इतना बता दे या राह दिखा दे
कि ये ग़म की शाम ढले

आजा वे, आजा वे
ना जा वे, ना जा वे...

फिरत हैं राम जतन कर बन-बन, कैसे वियोग सहें?
कैसे सिया से, अपनी सिया से रघुवर दूर रहें?
फिरत हैं राम जतन कर बन-बन, कैसे वियोग सहें?
कैसे सिया से, अपनी सिया से रघुवर दूर रहें?

आजा वे



Credits
Writer(s): Fahmil Khan, Salehah Ambreen
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