Ek Baat Kahoon Gar Mano Tum

एक बात कहूं
गर मानो तुम
सपनों में न आना जाना तुम

मैं नींद में उठकर चलती हूँ

जब देखती हूँ सच मानो तुम
एक बात कहूं गर मानो तुम
सपनों में न आना जाना तुम
मैं नींद में उठकर चलती हूँ
जब देखती हूँ
सच मानो तुम

कल भी हुआ की तुम
गुज़रे थे पास से
थोड़े से अनबने
थोड़े उदास थे
भागी थी मनाने
नींद में लेकिन
सोफे से गिर पड़ी

एक बात कहूं गर मानो तुम
सपनों में न आना जाना तुम
मैं नींद में उठकर चलती हूँ
जब देखती हूँ सच मानो तुम

परसों की बात है
तुमने बुलाया था
तुम्हारे हाथ में
चेहरा छुपाया था
चूमा था हाथ को
नींद में लेकिन
पाया पलंग का था

एक बात कहूं गर मानो तुम
सपनों में न आना जाना तुम

उस दिन भी रात को
तुम ख्वाब में मिले
और खामखा के बस
करते रहे जिले
काश यह नींद और ख्वाब के यूँ ही
चलते रहें सिलसिले

एक बात कहूं गर मानो तुम
सपनों में न आना जाना तुम
मैं नींद में उठकर चलती हूँ
जब देखती हूँ सच मानो तुम
लाला ला, ला, लाला, ला लाला
लाला, ला, लाला, ला, ला, ला, ला



Credits
Writer(s): Gulzar, Rahul Dev Burman
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