HAMNE DEKHI HAI UN ANKHON KI

हमने देखी है उन आँखो की महेकती खुश्बू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्ज़ाम ना दो
सिर्फ़ एहसास है ये, रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम ना दो
हमने देखी है उन आँखो की महेकति खुश्बू
हाथ से छ्छू के इसे रिश्तों का इल्ज़ाम ना दो
हमने देखी है

प्यार कोई बोल नही, प्यार आवाज़ नही
एक खामोशी है, सुनती है कहा करती है
ना ये बुझती है, ना रुकती है, ना ठहरी है कही
नूर की बूँद है, सदियों से बहा करती है

सिर्फ़ एहसास है ये, रूह से मेह्सूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम ना दो
हमने देखी है उन आँखो की महेकति खुश्बू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्ज़ाम ना दो
हमने देखी है

मुस्कुराहट सी खिली रेह्ति है, आँखों में कहीं
और पलकों पे उजाले से झुके रहते हैं
होंठ कुछ कहते नहीं, काँपते होठों पे मगर
कितने खामोश से अफ़साने रुके रहते हैं

सिर्फ़ एहसास है ये, रूह से मेह्सूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम ना दो
हमने देखी है उन आँखो की महेकति खुश्बू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्ज़ाम ना दो
हमने देखी है



Credits
Writer(s): Gulzar, Hemant Kumar
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