Kali Kali Zulfon Ke

हम सताए हुए हैं

क्या ग़ज़ब हो ढा रहे दिलों पे आजकल
रहते हो, सुना है, बादलों पे आजकल
हम सताए हुए हैं
हाँ, क्या ग़ज़ब हो ढा रहे दिलों पे आजकल
रहते हो, सुना है, बादलों पे आजकल

यूँ नज़दीक आ करके क्या चाहते हो?
हमें तुम तबाह करके क्या चाहते हो?

यूँ रफ़्ता-रफ़्ता आँखों से...
यूँ चोरी-चोरी आँखों से जान ना निकालो

हमें ज़िंदा रहने दो...
हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों

काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों

काली-काली...
काली-काली...
काली-काली...
काली-काली...

काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
हमें ज़िंदा रहने दो

Hmm, ना छेड़ो हमें, हम सताए हुए हैं
हाँ, ना छेड़ो हमें, हम सताए हुए हैं
बहुत ज़ख़्म सीने पे खाए हुए हैं

सितमगर हो तुम, ख़ूब पहचानते हैं
तुम्हारी अदाओं को हम जानते हैं
दग़ा-बाज़ हो तुम, सितम ढाने वाले
फ़रेब-ए-मोहब्बत में उलझाने वाले

ये रंगीं कहानी तुम्हीं को मुबारक
तुम्हारी जवानी तुम्हीं को मुबारक

हमारी तरफ़ से ये...
हमारी तरफ़ से ये निगाहें हटा लो

हमें ज़िंदा रहने दो, (ऐ हुस्न वालों)
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों

दीवाना, दीवाना
दीवाना, दिल दीवाना
ओ, दीवाना, दीवाना
दीवाना, दिल...

दीवाना मेरा दिल है, दीवाने को क्या कहिए
हवाओं से आँचल के उड़ जाने को क्या कहिए
कुछ मौसमों की ग़लती, कुछ आपका है जादू
धीरे मुस्कुरा के जाँ ले जाने को क्या कहिए
...जाँ ले जाने को क्या कहिए

आँखें जो मिली है...
हाँ, आँखें जो मिली है तो दिल भी मिला लो
आँखें जो मिली है तो दिल भी मिला लो

हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों

काली-काली ज़ुल्फ़ों के फंदे ना डालो
हमें ज़िंदा रहने दो, ऐ हुस्न वालों

काली-काली...
काली-काली...
काली-काली...
काली-काली...
काली-काली...
काली-काली...
काली-काली (ज़ुल्फ़ों के...)



Credits
Writer(s): Nusrat Fateh Ali Khan, Farrukh Ali Khan
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