Raaz Aankhein Teri (From "Raaz Reboot")

राज़ आँखें तेरी सब बयाँ कर रहीं
सुन रहा दिल तेरी ख़ामोशियाँ
कुछ कहो ना, सुनो, पास मेरे रहो
इश्क़ की कैसी हैं ये गहराइयाँ?

साया भी जिस्म से होता है क्या जुदा?
जितनी भी ज़ोर की हों आँधियाँ

राज़ आँखें तेरी सब बयाँ कर रहीं
सुन रहा दिल तेरी ख़ामोशियाँ

जीने का तू सहारा, तू ही रोशनी
कहता है हर सितारा, मेरी तू चाँदनी
हम जुदा हो जाएँ, ऐसा मुमकिन नहीं

धूप हो तुम मेरी, छाँव भी हो तुम ही
पास हो तो दूर हैं तन्हाइयाँ

मैं चलूँगा मुश्किलों में साया बन तेरा
इस जहाँ में, उस जहाँ में बस एक तू मेरा
ख़ुशबुओं से तेरी महके जिस्म मेरा

रात आएगी तो मैं सुबह लाऊँगा
मौत आएगी तो लड़ जाऊँगा

साया भी जिस्म से होता है क्या जुदा?
जितनी भी ज़ोर की हों आँधियाँ

कुछ कहो ना, सुनो, पास मेरे रहो
इश्क़ की कैसी हैं ये गहराइयाँ?



Credits
Writer(s): Jeet Ganguly, Rashmi Singh
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