Mitti

ले, तेरी मिट्टी तुझे लौटा दी
तेरा क़र्ज़ चुकाया है
कभी दुश्मन के आगे झुका ना सर जो
तेरे आगे झुकाया है

मरना भी तुझ पे जैसे कोई जश्न, यारों
मौत नसीबों वाली मिलती है कम
तेरी ज़मीं पे लूँगा फिर मैं जनम ता-कि
फिर बोल पाऊँ, "वन्दे मातरम्"

सुजलाम्-सुफलाम् मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्, वन्दे मातरम्
सुजलाम्-सुफलाम् मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्, वन्दे मातरम्

ज़्यादा नहीं हैं, यारों, क़ुर्बानी देने वाले
देश के नाम पे अपनी जवानी देने वाले
हर रिश्ते से पहले वतन को रखने वाले
वतन की ख़ातिर चिता पे बदन को रखने वाले

राख हुआ तो क्या? हुआ मैं धुआँ तो क्या?
सरहद पे पहरा दूँगा बन के पवन

सुजलाम्-सुफलाम् मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्, वन्दे मातरम्
सुजलाम्-सुफलाम् मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्, वन्दे मातरम्

(सुजलाम्-सुफलाम् मलयजशीतलाम्)
(शस्यश्यामलाम्, वन्दे मातरम्)
(सुजलाम्-सुफलाम् मलयजशीतलाम्)
(शस्यश्यामलाम्, वन्दे मातरम्)



Credits
Writer(s): Pal Rakesh Kumar, Ravjiani Shekhar Hasmukh, Dadlani Vishal
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