Ganga - From "Bhakshak"

ऐ, गंगा
ऐ, गंगा

ऐ, गंगा, तुमने सब तो देखा अपने तीरे
ऐ, गंगा, तुमने सब तो देखा अपने तीरे
थमी नहीं तुम, कैसे बहती हो?
धीरे-धीरे, धीरे-धीरे

ऐ, गंगा, ऐ, गंगा
ऐ, गंगा, तुमने सब तो देखा अपने तीरे
ऐ, गंगा, तुमने सब तो देखा अपने तीरे

इतना गहरा घुप अँधेरा कब था पहले?
इतनी सिस्की सुनकर भी तेरा दिल ना दहले
थोड़ा-थोड़ा हम सबका कुछ सूखा-सा है
धीरे-धीरे ये बहना तेरा झूठा-सा है

ऐ, गंगा, ऐ, गंगा
ऐ, गंगा, तुमने सब तो देखा अपने तीरे
ऐ, गंगा, तुमने सब तो देखा अपने तीरे

दूर-दूर तक दिल को ना दे कोई दिलासा
जरा सा सूरज दिखा नहीं कि फिर से कुहासा
हो, दूर-दूर तक दिल को ना दे कोई दिलासा
अरे, जरा सा सूरज दिखा नहीं कि फिर से कुहासा

हर पल बढ़ती जाती है अपनी उलझन ये
आस-भँवर में डूबा सा जाए मेरा मन ये
हो डूब रहे, हम सब को भी तुम साथ ले चलो

ऐ, गंगा (कैसे बहती सौंध)
ऐ, गंगा (धीरे-धीरे-धीरे)



Credits
Writer(s): Anurag Saikia
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