Ghoonghat Ko Mat Khol (From "Ghoonghat")

छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम

छम-छम करके कहते हैं ये पायलिया के बोल
छम-छम करके कहते हैं ये पायलिया के बोल
छम-छम करके कहते हैं ये पायलिया के बोल
घूँघट को मत खोल कि, गोरी, घूँघट है अनमोल
घूँघट को मत खोल कि, गोरी, घूँघट है अनमोल

छम-छम करके कहते हैं ये पायलिया के बोल
घूँघट को मत खोल कि, गोरी, घूँघट है अनमोल
घूँघट को मत खोल कि, गोरी, घूँघट है अनमोल

सुंदरता का तेज अनोखा
इसको, गोरी, छुपा के रखना
कजरारे नैनों की नगरी
यूँ ही सजा के रखना

घूँघट ही में रूप का धन है, नहीं है इसका मोल
घूँघट को मत खोल कि, गोरी, घूँघट है अनमोल
छम-छम करके कहते हैं ये पायलिया के बोल
घूँघट को मत खोल कि, गोरी, घूँघट है अनमोल

दूल्हे के संग आए बाराती
गूँज रही है यूँ शहनाई
दिल के साज़ पे नग़्मे चहके
रुत है मिलन की आई

घुँघरू खनके, पायल छनकी, बजे सुहाने ढोल
घूँघट को मत खोल कि, गोरी, घूँघट है अनमोल
छम-छम करके कहते हैं ये पायलिया के बोल
घूँघट को मत खोल कि, गोरी, घूँघट है अनमोल

घूँघट ही है तन की माया
घूँघट है एक रूप ख़ज़ाना
भीगी रैन में धीरे-धीरे
घूँघट को सरकाना

चुपके-चुपके देखते रहना साजन को आँखें खोल
घूँघट को मत खोल कि, गोरी, घूँघट है अनमोल
छम-छम करके कहते हैं ये पायलिया के बोल
छम-छम करके कहते हैं ये पायलिया के बोल
घूँघट को मत खोल कि, गोरी, घूँघट है अनमोल
घूँघट को मत खोल कि, गोरी, घूँघट है अनमोल



Credits
Writer(s): Pankaj Udhas, Zameer Qazmi
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