Ghar Jayegi Tar Jayegi

घर जाएगी, तर जाएगी
हाँ, डोलिया चढ़ जाएगी

हो-हो-हो, घर जाएगी, तर जाएगी
हो, डोलिया चढ़ जाएगी
हो, मेहँदी लगाय के रे
काजल सजाय के रे
दुल्हनिया मर जाएगी
हो, दुल्हनिया मर जाएगी

धीरे-धीरे लेके चलना, आँगन से निकलना
कोई देखे ना दुल्हन को गली में
हो, अखियाँ झुकाए हुए, घूँघटा गिराए हुए
मुखड़ा छुपाए हुए चली मैं

जाएगी, घर जाएगी, तर जाएगी
हो, घर जाएगी, तर जाएगी
हो, डोलिया चढ़ जाएगी
हो, मेहँदी लगाय के रे
काजल सजाय के रे
दुल्हनिया मर जाएगी
हो, दुल्हनिया मर जाएगी

मेहँदी-मेहँदी खेली थी मैं, तेरी ही सहेली थी मैं
तूने जब Kusum को चुना था
हो, तूने मेरा नाम कभी आँखों से बुलाया नहीं
मैंने जाने कैसे सुना था

जाएगी, घर जाएगी, ला-ला-ला
हो, घर जाएगी, तर जाएगी
हो, डोलिया चढ़ जाएगी
हो, मेहँदी लगाय के रे
काजल सजाय के रे
दुल्हनिया मर जाएगी
हो, दुल्हनिया मर जाएगी



Credits
Writer(s): Gulzar, Rahul Dev Burman
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