Pehli Sharam

मुलाक़ात है दोपहर की नींदों में ख़्वाबों से
मुलाक़ात है दो सफ़र की मुड़ती सी राहों में
कोई बात है
कोई बात है

कोई बात है
जो खोए-खोए से तुम और खोए हुए हैं हम

है कितनी ख़ूबसूरत तुम्हारी ये पहली-पहली शरम
है कितनी ख़ूबसूरत तुम्हारी ये पहली-पहली शरम

कुछ भी तो नहीं है यहाँ
ख़यालों से ज़्यादा, ना बातों से कम

है कितनी ख़ूबसूरत तुम्हारी ये पहली-पहली शरम
पहली बार है, उफ़, कमाल है
क्या ये प्यार है? ये पहली शरम
पहली बार है, दिल बीमार है
क्या ये प्यार है? ये पहली शरम

सब कुछ तो यही है यहाँ
ख़यालों में, बातों में सब कुछ में तुम

है कितनी ख़ूबसूरत तुम्हारी ये पहली-पहली शरम



Credits
Writer(s): Shashwat Sachdev
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