Samne Baithi Raho (From "Nishana")

सामने बैठी रहो, दिल को क़रार आएगा
सामने बैठी रहो, दिल को क़रार आएगा
बड़ा बेताब है, थोड़ा तो सँभल जाएगा

ऐसे ना देखो, सनम, मुझ को शरम आती है
तेज़ धड़कन है मेरी, आँख झुकी जाती है
ऐसे ना देखो, सनम, मुझ को शरम आती है

रोज़ आती हो, मेरी जान, चली जाती हो
आने-जाने में ही सब वक़्त गुज़र जाता है
हर जगह देखता रहता हूँ तुम्हारा चेहरा
मेरी नज़रों को ना कुछ और नज़र आता है

सामने बैठी रहो, दिल को क़रार आएगा
बड़ा बेताब है, थोड़ा तो सँभल जाएगा
ऐसे ना देखो, सनम, मुझ को शरम आती है

क्यूँ मेरे हुस्न की तारीफ़ किया करते हो?
हद से भी ज़्यादा ना हो जाऊँ मैं मग़रूर कहीं
ऐसे हालात में ना कोई ख़ता हो जाए
ऐसी बातों से ना हो जाऊँ मैं मजबूर कहीं

ऐसे ना देखो, सनम, मुझ को शरम आती है
तेज़ धड़कन है मेरी, आँख झुकी जाती है
सामने बैठी रहो, दिल को क़रार आएगा

तुम तो रहती हो सुब्ह-ओ-शाम मेरी यादों में
तुम मेरा दिल हो, मेरी जाँ हो, मेरी धड़कन हो
जिस हसीं डोर से हर साँस बँधी है मेरी
तुम मेरे प्यार का नाज़ुक सा वही बंधन हो

सामने बैठी रहो, दिल को क़रार आएगा
सामने बैठी रहो, दिल को क़रार आएगा
बड़ा बेताब है, थोड़ा तो सँभल जाएगा

ऐसे ना देखो, सनम, मुझ को शरम आती है
तेज़ धड़कन है मेरी, आँख झुकी जाती है
ऐसे ना देखो, सनम, मुझ को शरम आती है



Credits
Writer(s): Jatin Lalit, Sameer Lalji Anjaan
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