Kitni Baatein (Reprise)

कितनी बातें याद आती हैं
तस्वीरें सी बन जाती हैं
मैं कैसे इन्हें भूलूँ
दिल को क्या समझाऊँ

कितनी बातें कहने की हैं
होठों पर जो सहमी सी हैं
इक रोज़ इन्हें सुन लो
क्यों ऐसे गुम-सूम हो

क्यों पूरी हो ना पाई दास्तान
कैसे आई है ऐसी दूरियाँ

दोनो के दिलों में छुपा है जो इक अंजाना सा ग़म
क्या हो पायेगा वो कम
कोई क्या कहे
दोनो ने कभी ज़िंदगी के इक मोड़ पे थी जो पाई
है कैसी वो तनहाई
कोई क्या कहे

कितना वीरान है ये समा
साँसों में जैसे घुलता है धुवाँ
कैसे आई है ऐसी दूरियाँ
कितनी बातें याद आती है
तस्वीरें सी बन जाती हैं
मैं कैसे इन्हें भूलूँ

तुमसे आज यूँ मिलके दिल को याद आये लम्हें कल के
ये आँसू क्यों है छलके
अब क्या कहें
तुमने हमको देखा जो ऐसे तो इक उम्मीद है जागी
फिर तुमसे प्यार पाने की
अब क्या कहें

आ गये हम कहाँ से कहाँ
देखे मुडके ये दिल का कारवाँ
कैसे आई है ऐसी दूरियाँ

कितनी बातें कहने की है
होठों पर जो सहमी सी है
इक रोज़ इन्हें सुन लो
क्यों ऐसे गुम-सूम हो

कितनी बातें याद आती है
तस्वीरें सी बन जाती हैं
मैं कैसे इन्हें भूलूँ
दिल को क्या समझाऊँ



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Ehsaan Noorani, Shankar Mahadevan, Aloyius Peter Mendonsa
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