Mere Palak Ka Tu Hi Sitara

तू मुझसे रूठा रहे, मुझे सनम शिकायत नहीं
ना मुझसे इक़रार कर, ये मान लूँ मोहब्बत नहीं
तुझ बिन जी सकूँ, लेकिन ये मुझमें हिम्मत नहीं

तू मुझसे रूठा रहे, मुझे सनम शिकायत नहीं
ना मुझसे इक़रार कर, ये मान लूँ मोहब्बत नहीं
तुझ बिन जी सकूँ, लेकिन ये मुझमें हिम्मत नहीं

मेरे फ़लक का तू ही सितारा
आवारा मौजों का तू किनारा
अब मुस्कुरा दे, कर दे सहारा
मान कहना मेरा

मेरे फ़लक का तू ही सितारा
आवारा मौजों का तू किनारा
अब मुस्कुरा दे, कर दे सहारा
मान कहना मेरा

मैं एक पुकार था, जान-ए-जानाँ, मुझको आवाज़ बनाया तूने
मैं ख़ुद से हो गया था जुदा सा, मुझको मुझसे मिलाया तूने
एहसान है तेरा, रास्ता है तू मेरा, तू मेरा आशियाँ

मेरे फ़लक का तू ही सितारा
आवारा मौजों का तू किनारा
अब मुस्कुरा दे, कर दे सहारा
मान कहना मेरा

मेरे फ़लक का तू ही सितारा
आवारा मौजों का तू किनारा
अब मुस्कुरा दे, कर दे सहारा
मान कहना मेरा

तू मेरे ख़्वाबों में, ख़यालों में तू ही तू, तू मेरे तरानों में
तुझको जो पाऊँ मैं, पा जाऊँ बहारें तन्हा वीरानों में
कोई भी हो रहगुज़र, तू मिले जहाँ, जिधर है मंज़िल बस वहाँ

मेरे फ़लक का तू ही सितारा
आवारा मौजों का तू किनारा
अब मुस्कुरा दे, कर दे सहारा
मान कहना मेरा

मेरे फ़लक का तू ही सितारा
आवारा मौजों का तू किनारा
अब मुस्कुरा दे, कर दे सहारा
मान कहना मेरा



Credits
Writer(s): Lalitraj Pratapnarayan Pandit, Sayeed Quadri
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