Main Jahaan Rahoon

मैं जहाँ रहूँ, मैं कहीं भी हूँ
तेरी याद साथ है

जाने किसकी तलाश उनकी आँखों में थी
आरज़ू के मुसाफ़िर भटकते रहे
जितने भी वो चले, उतने ही बिछ गए राह में फ़ासले
ख़्वाब मंज़िल थे और मंज़िलें ख़्वाब थीं
रास्तों से निकलते रहे रास्ते, जाने किस वास्ते
आरज़ू के मुसाफ़िर भटकते रहे

मैं जहाँ रहूँ, मैं कहीं भी हूँ
तेरी याद साथ है
किसी से कहूँ कि नहीं कहूँ
ये जो दिल की बात है?

कहने को साथ अपने एक दुनिया चलती है
पर छुप के इस दिल में तन्हाई पलती है
बस याद साथ है, तेरी याद साथ है
तेरी याद साथ है, तेरी याद साथ है

मैं जहाँ रहूँ, मैं कहीं भी हूँ
तेरी याद साथ है

कोई पुरानी याद मेरा रस्ता रोके मुझसे कहती है
"इतनी जलती धूप में यूँ कब तक घूमोगे?"
आओ, चल के बीते दीनों की छाँव में बैठें
उस लम्हें की बात करें कि जिसमें कोई फूल खिला था

उस लम्हें की बात करें कि जिसमें किसी आवाज़ की चाँदी ख़नक उठी थी
उस लम्हें की बात करें कि जिसमें किसी की नज़रों के मोती बरसे थे
कोई पुरानी याद मेरा रस्ता रोके, मुझसे कहती है
"इतनी जलती धूप में यूँ कब तक घूमोगे?"

कहीं तो दिल में यादों की एक सूली गड़ जाती है
कहीं हर एक तस्वीर बहुत ही धुँधली पड़ जाती है
कोई नई दुनिया के नए रंगों में ख़ुश रहता है
कोई सब कुछ पा के भी ये मन ही मन कहता है

कहने को साथ अपने एक दुनिया चलती है
पर छुप के इस दिल में तन्हाई पलती है
बस याद साथ है, तेरी याद साथ है
तेरी याद साथ है

सच तो ये है, क़ुसूर अपना है
चाँद को छूने की तमन्ना की
आसमाँ को ज़मीन पर माँगा
फूल चाहा कि पत्थरों पे खिले
काँटो में की तलाश खु़शबू की

आरज़ू की कि आग ठंडक दे
बर्फ़ में ढूँढते रहे गर्मी
ख़्वाब जो देखा, चाहा सच हो जाए
इसकी हमको सज़ा तो मिलनी थी
सच तो ये है, क़ुसूर अपना है

कहीं तो बीते कल की जड़ें दिल में ही उतर जाती हैं
कहीं जो धागे टूटें तो मालाएँ बिखर जाती हैं
कोई दिल में जगह नई बातों के लिए रखता है
कोई अपनी पलकों पर यादों के दीये रखता है

कहने को साथ अपने एक दुनिया चलती है
पर छुप के इस दिल में तन्हाई पलती है
बस याद साथ है, तेरी याद साथ है
तेरी याद साथ है



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Himesh Vipin Reshammiya
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