Suno Kaho Suna Kaha

सुनो कहो
कहा सुना
कुछ हुआ क्या
अभी तो नहीं
कुछ भी नहीं
सुनो कहो
कहा सुना
कुछ हुआ क्या
अभी तो नहीं
कुछ भी नहीं
चली हवा
झुकी घटा
कुछ हुआ क्या
अभी तो नहीं
कुछ भी नहीं

तेरी क़सम ये
दिलकश नज़ारे
करते हैं इशारे
जो समझे कोई
मेरे सनम ये खमोश आँखें
भी करती हैं बातें
जो समझे कोई
समझा नहीं
तुम समझा दो
अरे सुनो, कहो, कहा, सुना
कुछ हुआ क्या
अभी तो नहीं
कुछ भी नहीं

बस जो चले तो
सुबह से लेकर
रहूं शाम तक
मैं तेरे संग में
गर हो सके तो
मैं अपने दिलबर
तेरा नाम लिख दूँ
हर इक रंग में
बातों में ना उलझाओ
अरे सुनो, कहो, कहा, सुना
कुछ हुआ क्या
अभी तो नहीं
कुछ भी नहीं

अच्छा कभी
फिर बात छेड़ेंगे
मर्ज़ी नहीं है तुम्हारी अभी
कुछ हो गया तो
बड़ी होगी मुशकिल
कि छोटी उमर है हमारी अभी
मैं क्या करूँ
बतला दो
सुनो, कहो, कहा, सुना
कुछ हुआ क्या
अभी तो नहीं
कुछ भी नहीं
चली हवा
झुकी घटा
कुछ हुआ क्या
ज़रा सा कुछ हुआ तो है

ज़रा सा कुछ हुआ तो है
ज़रा सा कुछ हुआ तो है
ज़रा सा कुछ हुआ तो है



Credits
Writer(s): R.d. Burman, Anand Bakshi
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