Kabhi Yaadon Mein Aaun

कभी यादों में आऊँ, कभी ख़्वाबों में आऊँ
कभी यादों में आऊँ, कभी ख़्वाबों में आऊँ
तेरी पलकों के साए में आकर झिलमिलाऊँ
मैं वो ख़ुशबू नहीं, जो हवा में खो जाऊँ

हवा भी चल रही है, मगर तू ही नहीं है
फ़िज़ा रंगीं वही है, कहानी कह रही है
मुझे जितना भुलाओ, मैं उतना याद आऊँ
कभी यादों में आऊँ, कभी ख़्वाबों में आऊँ

जो तुम ना मिलती, खोता ही क्या ढूँढ लाने को?
जो तुम ना मिलती, खोता ही क्या ढूँढ लाने को?
जो तुम ना होती, होता ही क्या हार जाने को?

मेरी अमानत थी तुम, मेरी अमानत थी तुम
मेरी मोहब्बत हो तुम, तुम्हें कैसे मैं भुलाऊँ?

कभी यादों में आऊँ, कभी ख़्वाबों में आऊँ
तेरी पलकों के साए में आकर झिलमिलाऊँ

तड़प रहे हो ज़माने से मुस्कुराने को
तड़प रहे हो ज़माने से मुस्कुराने को
तरस रहे हो ज़माने से पास आने को

तेरी धड़कनों में बस कर, तेरी धड़कनों में बस कर
तेरी साँसों में रह-रह कर तुम्हें हर पल सताऊँ

कभी यादों में आऊँ, कभी ख़्वाबों में आऊँ
तेरी पलकों के साए में आकर झिलमिलाऊँ
मैं वो ख़ुशबू नहीं, जो हवा में खो जाऊँ



Credits
Writer(s): Nusrat Badr, Abhijit Sharad Vaghani
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