Panchhi Nadiyan Pawan Ke Jhonke

पंछी नदिया पवन के झोंके, कोई सरहद ना इन्हें रोके
पंछी नदिया पवन के झोंके, कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहद इंसानों के लिए है
सोचो तुमने और मैंने क्या पाया इंसान होके

पंछी नदिया पवन के झोंके, कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहद इंसानों के लिए है
सोचो तुमने और मैंने क्या पाया इंसान होके

जो हम दोनों पंछी होते
तैरते हम इस नीले गगन में, पंख पसारे
सारी धरती अपनी होती
अपने होते सारे नज़ारे
खुली फिजाओं में उड़ते
खुली फिजाओं में उड़ते
अपने दिलों में हम सारा प्यार समोखे

पंछी नदिया पवन के झोंके, कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहद इंसानों के लिए है
सोचो तुमने और मैंने क्या पाया इंसान होके

जो मैं होती नदिया और तुम पवन के झोंके तो क्या होता
ओ जो मैं होती नदिया और तुम पवन के झोंके तो क्या होता
पवन के झोंके नदी के तन को जब छूते हैं
पवन के झोंके नदी के तन को जब छूते हैं
लेहरें ही लेहरें बनती हैं
हम दोनों जब मिलते तो कुछ ऐसा होता
सब कहते ये लेहेर लेहेर जहाँ भी जाए इनको ना कोई टोके

पंछी नदिया पवन के झोंके, कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहद इंसानों के लिए है
सोचो तुमने और मैंने क्या पाया इंसान होके
पंछी नदिया पवन के झोंके, कोई सरहद ना इन्हें रोके



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Anu Malik
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