KK - Pal

Mehki Hawaa

ऐ महकी हवा, मुझे ले जा वहाँ
मिले ज़मीं से जहाँ झुक-झुक आसमाँ
जहाँ आँखों में हो एक प्यारा समाँ
जहाँ वादियों से उठे रुक-रुक के धुआँ

दूर शहर से है कहीं वो जगह
झरनों का है शोर जहाँ दबा-दबा
जहाँ बोलती होंगी वो ख़ामोशियाँ
पर्बतों पे हों जहाँ बदलियाँ

मैं वहाँ हूँ, हों तन्हाइयाँ
मेरे दिल को ना खाएँ वहाँ
कभी कोई फ़िक्रे जहाँ

ऐ महकी हवा, मुझे ले जा वहाँ
मिले ज़मीं से जहाँ झुक-झुक आसमाँ
जहाँ आँखों में हो एक प्यारा समाँ
जहाँ वादियों से उठे रुक-रुक के धुआँ

पेड़ों की छाँव हो जहाँ पे घनी-घनी
सूरज की किरणें हों जहाँ छनी-छनी
ख़ुशबू हो शाम की जहाँ पे भीनी-भीनी
मिले जहाँ पे चाँद से वो चाँदनी

मैं वहाँ हूँ, हों तन्हाइयाँ
मेरे दिल को ना खाएँ वहाँ
कभी कोई फ़िक्रे जहाँ

ऐ महकी हवा, मुझे ले जा वहाँ
मिले ज़मीं से जहाँ झुक-झुक आसमाँ
जहाँ आँखों में हो एक प्यारा समाँ
जहाँ वादियों से उठे रुक-रुक के धुआँ

ऐ महकी हवा
मुझे ले जा वहाँ
मुझे ले जा वहाँ
मुझे ले जा वहाँ



Credits
Writer(s): Leslie Lewis, Mehboob Alam Kotwal
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