Sifar - 2

Aaj Kal

आज-कल ना जाने क्यूँ सपने मेरे
तेरे हो गए, हो गए
अब वही मासूम पल, महके हुए
लगते नए, लगते नए

कहना चाहूँ मैं एक दिल का अरमाँ
तेरी पलकों में यूँ ही रहना चाहूँ मैं
सदा, सदा, हाँ

जान-ए-जानाँ
जान-ए-जानाँ, हाँ
जान-ए-जानाँ
जान-ए-जानाँ, हाँ

आज-कल ना जाने क्यूँ सपने मेरे
तेरे हो गए, हो गए
दिल की है दुआ, सीने से लग जा तू आ के
अब तेरी यादों में हर पल मेरा
मेरे दिल की ये दुआ है आज-कल

जान-ए-जानाँ
जान-ए-जानाँ, हाँ
जान-ए-जानाँ
जान-ए-जानाँ, हाँ

जान-ए-जानाँ
जान-ए-जानाँ, हाँ
जान-ए-जानाँ
जान-ए-जानाँ, हाँ



Credits
Writer(s): Amit Yadav
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