Din Hai Bahar Ke

दिन हैं बहार के, तेरे-मेरे इक़रार के
दिल के सहारे आजा प्यार करें
दिन हैं बहार के, तेरे-मेरे इक़रार के
दिल के सहारे आजा प्यार करें

दुश्मन हैं प्यार के जब लाखों ग़म संसार के
दिल के सहारे कैसे प्यार करें?

दुनिया का बोझ ज़रा दिल से उतार दे
छोटी सी ज़िंदगी है हँस के गुज़ार दे
दुनिया का बोझ ज़रा दिल से उतार दे
छोटी सी ज़िंदगी है हँस के गुज़ार दे

अपनी तो ज़िंदगी बीती है जी को मार के
दिल के सहारे कैसे प्यार करें?
दिन हैं बहार के, तेरे-मेरे इक़रार के
दिल के सहारे आजा प्यार करें

अच्छा नहीं होता यूँ ही सपनों से खेलना
बड़ा ही कठिन है हक़ीक़तों को झेलना
अच्छा नहीं होता यूँ ही सपनों से खेलना
बड़ा ही कठिन है हक़ीक़तों को झेलना

अपनी हक़ीक़तें मेरे सपनों पे वार के
दिल के सहारे आजा प्यार करें
दुश्मन हैं प्यार के जब लाखों ग़म संसार के
दिल के सहारे कैसे प्यार करें?

ऐसी-वैसी बातें सभी दिल से निकाल दे
जीना है तो कश्ती को धारे पे डाल दे
ऐसी-वैसी बातें सभी दिल से निकाल दे
जीना है तो कश्ती को धारे पे डाल दे

धारे की गोद में घेरे भी हैं मज़धार के
दिल के सहारे कैसे प्यार करें?

दिन हैं बहार के, तेरे-मेरे इक़रार के
दिल के सहारे आजा प्यार करें
दिन हैं बहार के, तेरे-मेरे इक़रार के
दिल के सहारे आजा प्यार करें



Credits
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir
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