Hum Khushi Ke Chah Mein

हम ख़ुशी की चाह में
हर ख़ुशी से दूर हो गए
हम ख़ुशी की चाह में
हर ख़ुशी से दूर हो गए
ढूंढ़ने चले थे
ढूंढ़ने चले थे जिन्दगी
जिंदगी से दूर हो गए
जिंदगी से दूर हो गए

हम ख़ुशी की चाह में
हर ख़ुशी से दूर हो गए
हम ख़ुशी की चाह में
हर ख़ुशी से दूर हो गए
ढूंढ़ने चले थे
ढूंढ़ने चले थे जिन्दगी
जिंदगी से दूर हो गए
जिंदगी से दूर हो गए

जागी जागी सी पलकों में
चैन का वो जो खाब था
ना हमें एहसास था
दर्द का वो सैलाब था
झूठे सपनों के लिए
हम भटके कहाँ कहाँ
ढूंढ़ने चले थे
ढूंढ़ने चले थे जिन्दगी
जिंदगी से दूर हो गए
जिंदगी से दूर हो गए

पास थी अपनी मंजिलें
जा के भी हम न जा सके
सुख वह थी जिसकी आरजू
पाके भी हम न पा सके
भीड़ में भी तनहा जिए
न पाये कोई जहां
ढूंढ़ने चले थे
ढूंढ़ने चले थे जिन्दगी
जिंदगी से दूर हो गए
जिंदगी से दूर हो गए

हम ख़ुशी की चाह में
हर ख़ुशी से दूर हो गए
हम ख़ुशी की चाह में
हर ख़ुशी से दूर हो गए
ढूंढ़ने चले थे
ढूंढ़ने चले थे जिन्दगी
जिंदगी से दूर हो गए
जिंदगी से दूर हो गए



Credits
Writer(s): Pandit Lalitraj Pratapnarayan, Sameer Lalji Anjaan
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