Baad Muddat Unhain

बाद मुद्दत उन्हें देख कर यूँ लगा
जैसे बेताब दिल को क़रार आ गया
बाद मुद्दत उन्हें देख कर यूँ लगा
जैसे बेताब दिल को क़रार आ गया
आरज़ुओं के गुल मुस्कुराने लगे
जैसे गुलशन में जान-ए-बहार आ गया

तिश्ना नज़रें मिलीं शोख़ नज़रों से जब
मय बरसने लगी, जाम भरने लगे
तिश्ना नज़रें मिलीं शोख़ नज़रों से जब
मय बरसने लगी, जाम भरने लगे

साक़िया, आज तेरी ज़रूरत नहीं
बिन पिए, बिन पिलाए ख़ुमार आ गया
बाद मुद्दत उन्हें देख कर यूँ लगा
जैसे बेताब दिल को क़रार आ गया

रात सोने लगी, सुबह होने लगी
शम्मा बुझने लगी, दिल मचलने लगे
रात सोने लगी, सुबह होने लगी
शम्मा बुझने लगी, दिल मचलने लगे

वक़्त की रोशनी में नहाई हुई
ज़िंदगी पे अजब सा निखार आ गया
बाद मुद्दत उन्हें देख कर यूँ लगा
जैसे बेताब दिल को क़रार आ गया

हर तरफ़ मस्तियाँ, हर तरफ़ दिलकशी
मुस्कुराते दिलों में ख़ुशी ही ख़ुशी
हर तरफ़ मस्तियाँ, हर तरफ़ दिलकशी
मुस्कुराते दिलों में ख़ुशी ही ख़ुशी

कितना चाहा, मगर फिर भी उठ ना सका
तेरी महफ़िल में जो एक बार आ गया
बाद मुद्दत उन्हें देख कर यूँ लगा
जैसे बेताब दिल को क़रार आ गया

जैसे बेताब दिल को क़रार आ गया
जैसे बेताब दिल को क़रार आ गया



Credits
Writer(s): Jagjit Singh Dhiman, Roshan Wadhera
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