Tu Hi Durga Tu Hi Kali

तू ही दुर्गा, तू ही काली
तू ही शेरावाली माँ
(तू ही दुर्गा, तू ही काली)
(तू ही शेरावाली माँ)

द्वार पे तेरे जो भी आया
भर गई झोली खाली माँ

तू ही दुर्गा, तू ही काली
तू ही शेरावाली माँ
(तू ही दुर्गा, तू ही काली)
(तू ही शेरावाली माँ)

जय माता दी कहते-कहते
भक्त यहाँ जो आते हैं
(भक्त यहाँ जो आते हैं)
खाली झोली लाते हैं और
झोली भर के जाते हैं
(झोली भर के जाते हैं)

राजा हो या रंक माँ तूने
सबकी विपदा टाली माँ

तू ही दुर्गा, तू ही काली
तू ही शेरावाली माँ
(तू ही दुर्गा, तू ही काली)
(तू ही शेरावाली माँ)

सबको सच्चा प्यार मिला है
माता के दरबार में
(माता के दरबार में)
माँ की भक्ति में सब कुछ है
क्या रखा संसार में
(क्या रखा संसार में)

दुर्गा काली, शेरा वाली
माँ की बात निराली, माँ

तू ही दुर्गा, तू ही काली
तू ही शेरावाली माँ
(तू ही दुर्गा, तू ही काली)
(तू ही शेरावाली माँ)

चाँद, सितारे, बरखा, शबनम
प्यारे-प्यारे लगते हैं
(प्यारे-प्यारे लगते हैं)
ये सब खुद ही आ कर माँ
दरबार में तेरे सजते हैं
(दरबार में माँ के सजते हैं)

माँ से माँग के, देखो, सबने
अपनी बात बना ली माँ

तू ही दुर्गा, तू ही काली
तू ही शेरावाली माँ
तू ही दुर्गा, तू ही काली
तू ही शेरावाली माँ

(तू ही दुर्गा, तू ही काली)
(तू ही शेरावाली माँ)
(तू ही दुर्गा, तू ही काली)
(तू ही शेरावाली माँ)



Credits
Writer(s): Priya Singh, Ajay Singh
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