Ankhon Hi Ankhon Mein

आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

गाते हो गीत क्यूँ, दिल पे क्यूँ हाथ है?
खोए हो किस लिए, ऐसी क्या बात है?
ये हाल कब से तुम्हारा हो गया?
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

चलते हो झूम के, बदली है चाल भी
नैंनों में रंग है, बिखरे हैं बाल भी
किस दिलरुबा का नज़ारा हो गया?
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

अब ना वो ज़ोर है, अब ना वो शोर है
हमको है सब पता, दिल में जो चोर है
ये चोर कैसे गंवारा हो गया?
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

कैसा ये प्यार है, कैसा ये नाज़ है?
हम भी तो कुछ सुनें, हमसे क्या राज़ है?
अच्छा तो ये दिल हमारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में



Credits
Writer(s): Sultanpuri Majrooh, O.p.nayyar, Jan Nisar Akhtar
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