Har Chori Rani Ehaan

अरे ए गदकू! ओ पांड्या!
अरे ओ धोन्ड्या! अजी गधउ प्रसाद!
अमा छन मियां!
अरे ओ बिच्छू महाराज! ओए बड़-बड़ सिंह
तनिक इधर पधारो और सुणो मेरी कथा
जिसमें भरी ही भीषण व्यथा

इ गालियं का धर्म अलग है
अलग है रीत-रिवाज, का समझे?
ना समझे तो समझ लो हमसे
हम समझा दें आज

हर छोरी रानी हींया, हर छोरा राजा
हर छोरी रानी हींया, हर छोरा राजा
मगर कभी बजा नहीं हींया बैंड-बाजा
मगर कभी बजा नहीं हींया बैंड-बाजा

हर छोरी रानी हींया, हर छोरा राजा
मगर कभी बजा नहीं हींया बैंड-बाजा
मगर कभी बजा नहीं हींया बैंड-बाजा

आवारा गालियं की परियाँ देख उठै दिल झूम
वाह-वाह क्या मजा!
आवारा गालियं की परियाँ देख उठै दिल झूम
इतर, पान, गजरे की महक, घुँघरू, मुजरे की धूम

छन-छन-छनन-छनन
खन-खन-खनन-खनन
छन-छन-छनन-छनन-खनन-खनन

नटखट छोरी बन के चकोरी
चंचल गोरी करे दिल की चोरी
कभी लचक-लचक कर, कभी छमक-छमक कर
कभी झटक-झटक कर, कभी मटक-मटक कर

कभी लटकऊ-लटकऊ, कभी झटकऊ-झटकऊ
कभी ठुमकऊ-ठुमकऊ, कभी मटकऊ-मटकऊ
लचक-लचक, छमक-छमक, झटक-झटक, मटक-मटक
पलट तेरा ध्यान किधर है भई?

हर छोरी रानी हींया, हर छोरा राजा, हाँ
हर छोरी रानी हींया, हर छोरा राजा
मगर कभी बजा नहीं हींया बैंड-बाजा
मगर कभी बजा नहीं हींया बैंड-बाजा

सुनो-सुनो
इ आशिक मासुक के झगड़े, इ मीठी तकरार
इ आशिक मासुक के झगड़े, इ मीठी तकरार
बात-बात में बात बढ़ै तो चले तेग-तलवार

अरे चल गई लाठी! बड़ी मार गुलाटी
अरे चल गई लाठी! बड़ी मार गुलाटी
छी वाईरा, तमाचा, थू छी वाईरा, तमाचा, थू
छी वाईरा, तमाचा, थू, अ
अरे बम-बबम-बबम-बंबू! ताड़ पत्रिका तंबु
कभी तड़ी तांग, कभी सत्य काम, कभी कुरूक्षेत्र का लंबू
बंबू, तंबु, तड़ी तांग, सत्य काम, कभी कुरूक्षेत्र का लंबू

पर जोरी कर ना सईयां
हो, पर जोरी कर ना सईयां
हो, मेरी छोड़-छोड़ बईयां
छोड़ बईयां, हो पड़ूँ पईयां
पलट तेरा ध्यान किधर है भई?

हर छोरी रानी हींया, हर छोरा राजा, भई
हर छोरी रानी हींया, हर छोरा राजा
मगर कभी बजा नहीं हींया बैंड-बाजा
मगर कभी बजा नहीं हींया बैंड-बाजा

हे शिव-शंभु!
उठा ले ताल-तंबुरा
और उखाड़ दे तंबु

अरि, हिंया रात भर रास रचावै धरम के ठैकेदार
सच तो इ है इन्ही के दम है चले हैं ई बाजार
खबरदार, होशियार, थानेदार, हवलदार, पहरेदार और जमादार
पकड़ लो इन बंदरों को
और सुणो-सुणो इन घोंचू पाखंडियों की कारे करम
अरे वड़की जिनकी सुन कर टूट जायेंगे तुम्हारे सारे भरम!

अरे, दिन भर ये जोगी रे जोगी
रात भर ये भोगी रे भोगी
देखो रे देखो रूप के लोभी कैसे हैं ये ढ़ोंगी रे ढ़ोंगी
इनकी नजर में हम सारे हैं मूली, गाजर, आलू, कोभी

करेले की हो गई सगाई, सकरकंद नाचने को चली आई
करेले की हो गई सगाई, सकरकंद नाचने को चली आई
अरे! अरे! अरे! मूरख रू-रू-रू-रुक जा
ये म्हा-म्हा-म्हा-म्हांड के ठे-ठेके भुलाकर
घाघरे के कूँ-कूँ-कुअे में कैसे कूकू-कू-कू-कूद पड़ा?
निकल बाहर
पलट, पलट, पलट तेरा ध्यान किधर है भाई?

हर छोरी रानी हींया, हर छोरा राजा, हाँ
हर छोरी रानी हींया, हर छोरा राजा
मगर कभी बजा नहीं हींया बैंड-बाजा
मगर कभी बजा नहीं हींया बैंड-बाजा

दे-रे-न-न-न-न
मेरा नाम है गुलशन कव्वाल खयाल भजन डूंगरी फूल वाला



Credits
Writer(s): Rahul Dev Burman, Anjaan
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