Dekhane Ki Cheez Hoon Main

देखने की चीज़ हूँ मैं, बार-बार देख
हो, देखने की चीज़ हूँ मैं, बार-बार देख
नहीं-नहीं, नहीं-नहीं, नहीं-नहीं मेरा कोई मोल
मेरा अंग-अंग, अंग-अंग-अंग, मेरा अंग-अंग है अनमोल

हो, देखने की चीज़ हूँ मैं, बार-बार देख
नहीं-नहीं, नहीं-नहीं, नहीं-नहीं मेरा कोई मोल
मेरा अंग-अंग-अंग, अंग-अंग-अंग है अनमोल
हो, देखने की चीज़ हूँ मैं, बार-बार देख

किसी ज़ेवर की मुझको ज़रूरत नहीं
दिलरुबा हूँ मैं, मिट्टी की मूरत नहीं
सोना-चाँदी है क्या? हीरे-मोती हैं क्या?
मेरी सूरत से तो ख़ूबसूरत नहीं

ये सब तोले जाएँ, नहीं, नहीं-नहीं मेरा कोई तोल
हो, देखने की चीज़ हूँ मैं, बार-बार देख
हो, देखने की चीज़ हूँ मैं, बार-बार देख

अपनी ज़ुल्फ़ों का घूँघट जो मैं ओढ़ लूँ
आदमी क्या फ़रिश्तों की ज़िद तोड़ दूँ
मेरी मर्ज़ी से जीते हैं, मरते हैं लोग
मैं जिसे थाम लूँ, मैं जिसे छोड़ दूँ

बड़े-बड़े दिलवालों के, अजी, अजी, दिल जाएँ डोल
हो, देखने की चीज़ हूँ मैं, बार-बार देख
नहीं-नहीं, नहीं-नहीं, नहीं-नहीं मेरा कोई मोल
मेरा अंग-अंग, हो, अंग-अंग-अंग, मेरा अंग-अंग है अनमोल

हो, देखने की चीज़ हूँ मैं, बार-बार देख
बार-बार देख, बार-बार देख



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Laxmikant Kudalkar, Sharma Pyarelal
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