Meri Galli Mein Andhera

मेरी गली में अँधेरा, अँधेरा है
शहर को ज़ुल्मत के जालों ने घेरा है
आज की रात चराग़ों की लौ ऊँची कर लो
आज की रात चराग़ों की लौ ऊँची कर लो

जलने दो अँधेरे, लौ पे जलने दो
जलने दो अँधेरे, लौ पे जलने दो
जलने दो अँधेरे, लौ पे जलने दो

तेज़ हवा है...
तेज़ हवा है लौ को ज़रा सँभलने दो

आज की रात चराग़ों की लौ ऊँची कर लो



Credits
Writer(s): Gulzar, Rajat Dholakia, Piyush Kanojia
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