Jay Hanuman

जय हनुमान

जय हनुमान

जय हनुमान

दरिया में दीप स्तंभ तुम
अंधकार में ज्योति तुम

दरिया में दीप स्तंभ तुम
अंधकार में ज्योति तुम
निराश मॅन की आशा तुम
निराश मॅन की आशा तुम
भटके को राह दिखाओ तुम
डूबती सांस की आस तुम
ज्ञान की बुझाओ प्यास तुम

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कापिस टिहू लोक उज़जगार
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कापिस टिहू लोक उज़जगार

नदियाँ जैसे चंचलता
गगन की जैसी अखंडता
चंद्र प्रकाश की शीतल का
नदियाँ जैसी चंचलता
गगन की जैसी अखंडता
चंद्र प्रकाश की शीतल का

पर्वत जैसी निष्चलता
धर्म धुप सी कोमलता
तेरे गुणों की क्या सिमा

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कापिस टिहू लोक उज़जगार
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कापिस टिहू लोक उज़जगार

घोर अंधेरा
दूर सवेरा

काल चकरा का कैसा फेरा
काल चकरा का कैसा फेरा
घोर, घोर अंधेरा
दूर सवेरा
काल चकरा का कैसा फेरा

दिन हीन को आसरा तेरा
दिन हीन को आसरा तेरा

साथ मुझे हैं बस तेरा
संकटमोचन तू मेरा
मोक्षा मार्ग तू ही मेरा

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कापिस टिहू लोक उज़जगार

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कापिस टिहू लोक उज़जगार

दरिया में दीप स्तंभ तुम
अंधकार में ज्योति तुम
निराश मॅन की आशा तुम
भटके को राह दिखाओ तुम
डूबती सांस की आस तुम
ज्ञान की बुझाओ प्यास तुम

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कापिस टिहू लोक उज़जगार

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कापिस टिहू लोक उज़जगार

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कापिस टिहू लोक उज़जगार

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कापिस टिहू लोक उज़जगार



Credits
Writer(s): Kadri Manikanth, Dr. Vijaykumar Kodialbail
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