Phool Khila De

फूल खिला दे शाख़ों पर, पेड़ों को फल दे, मालिक
फूल खिला दे शाख़ों पर, पेड़ों को फल दे, मालिक
धरती जितनी प्यासी है, उतना तो जल दे, मालिक

वक़्त बड़ा दुखदायक है, पापी है संसार बहुत
वक़्त बड़ा दुखदायक है, पापी है संसार बहुत
निर्धन को धनवान बना, दुर्बल को बल दे, मालिक

कोहरा-कोहरा सर्दी है, काँप रहा है पूरा गाँव
कोहरा-कोहरा सर्दी है, काँप रहा है पूरा गाँव
दिन को तपता सूरज दे, रात को कम्बल दे, मालिक

बैलों को एक गठरी घास, इंसानों को दो रोटी
बैलों को एक गठरी घास, इंसानों को दो रोटी
खेतों को भर गेहूँ से, काँधों को हल दे, मालिक

हाथ सभी के काले हैं, नज़रें सब की पीली हैं
हाथ सभी के काले हैं, नज़रें सब की पीली हैं
सीना ढाँप दुपट्टे से, सर को आँचल दे, मालिक



Credits
Writer(s): Shakeel Azmi, Nayab, Raja
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