Deewaron Se Milkar Rona

दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएंगे ऐसा लगता है
दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएंगे ऐसा लगता है
दीवारों से

दुनिया भर की यादें हमसे मिलने आती हैं
दुनिया भर की यादें हमसे मिलने आती हैं
शाम ढले इस सूने घर में मेला लगता है
शाम ढले इस सूने घर में मेला लगता है
हम भी पागल हो जाएंगे ऐसा लगता है
दीवारों से

कितने दिनों के प्यासे होंगे यारों सोचो तोह
कितने दिनों के प्यासे होंगे यारों सोचो तोह
शभनम का कतरा भी जिनको दरिया लगता है
शभनम का कतरा भी जिनको रिया लगता है
हम भी पागल हो जाएंगे ऐसा लगता है
दीवारों से

किसको कैसर पत्थर मरू कौन पराया है
किसको कैसर पत्थर मरू कौन पराया है
शीश महल में एक एक चेहरा अपना लगता है
शीश महल में एक एक चेहरा अपना लगता है
हम भी पागल हो जाएंगे ऐसा लगता है

दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएंगे ऐसा लगता है
दीवारों से



Credits
Writer(s): Qaisar Ul Jafri, Pankaj Udhas
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