Chahunga Main Tujhe

तेरे आने की आस है, दोस्त
शाम फिर क्यूँ उदास है, दोस्त?
महकी-महकी फ़िज़ा ये कहती है
तू कहीं आस-पास है, दोस्त
तू कहीं आस-पास है, दोस्त

चाहूँगा मैं तुझे, चाहूँगा
चाहूँगा मैं तुझे रे, तुझे

चाहूँगा मैं तुझे साँझ-सँवेरे
फिर भी कभी अब नाम को तेरे
आवाज़ मैं ना दूँगा, आवाज़ मैं ना दूँगा

चाहूँगा मैं तुझे साँझ-सँवेरे
फिर भी कभी अब नाम को तेरे
आवाज़ मैं ना दूँगा, आवाज़ मैं ना दूँगा
चाहूँगा मैं तुझे साँझ-सँवेरे...

देख, मुझे सब है पता
सुनता है तू मन की सदा
देख, मुझे सब है पता
सुनता है तू मन की सदा

मितवा, मेरे यार, तुझको बार-बार
आवाज़ मैं ना दूँगा, आवाज़ मैं ना दूँगा
चाहूँगा मैं तुझे साँझ-सँवेरे...

दर्द भी तू, चैन भी तू
दरस भी तू, नैन भी तू
दर्द भी तू, चैन भी तू
दरस भी तू, नैन भी तू

मितवा, मेरे यार, तुझको बार-बार
आवाज़ मैं ना दूँगा, आवाज़ मैं ना दूँगा

चाहूँगा मैं तुझे साँझ-सँवेरे
फिर भी कभी अब नाम को तेरे
आवाज़ मैं ना दूँगा, आवाज़ मैं ना दूँगा
आवाज़ मैं ना दूँगा, आवाज़ मैं ना दूँगा



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Rahul Jain, Laxmikant-pyarelal
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