Jashn-e-Ishqa (From "Gunday")

जश्न-ए-इश्क़ा...

दौर-ए-इश्क़ा एक जश्न है
लेकिन अपना अलग टशन है
ख़ून में सुलगी एक अगन है
बह के दिखलायेगा ये तेवर

दौर-ए-इश्क़ा एक जश्न है
लेकिन अपना अलग टशन है
ख़ून में सुलगी एक अगन है
बह के दिखलायेगा ये तेवर

चाहत के दर पे
दिल का धरना है
ना मर के जीना
जी के मरना है

चाहत के दर पे
दिल का धरना है
ना मर के जीना
जी के मरना है

तूफ़ान के हमदम

अंगारे के हमदम
धड़कन में थोड़ा सा
बारूद है ख्वाहिश काजश्न-ए-इश्क़ा... जश्न-ए-इश्क़ा...

लोहा जुग, हम आरी
सब पे हैं हम भारी
आधा जग से याराना है
आधी रब से यारी

लोहा जुग, हम आरी
सब पे हैं हम भारी
आधा जग से याराना है
आधी रब से यारी

चलता है सिक्का
हुक्मों का इक्का
बनता अपना हर दिन
है शोला सा इश्क़ा

जश्न-ए-इश्क़ा... जश्न-ए-इश्क़ा...

दिल कि भट्टी डाले
ग़म के कोयले काले
लोगों कि बातों से लाखों
रूह पे पड़ गए छाले

दिल कि भट्टी डाले
ग़म के कोयले काले
लोगों कि बातों से लाखों
रूह पे पड़ गए छाले

ज़ख्मों को सहला
ये दिल ना बहला
दिल भी जैसे एक तार
है अपनी ही गर्दिश का
जश्न-ए-इश्क़ा



Credits
Writer(s): Sohail Sen, Irshad Kamil
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