Kabhi

कभी मैं ना चाहूँ कोई ख़ुशी, ना में चाहूँ ये ज़िंदगी
मेरे दिल में तेरी कमी
हर सनम, हर पल है कोई क़दम, हर दिल की चाहत मगन
डर-डर के गुज़रे जनम

जंगलों और समंदरों में समीं
है राहतें जो मिले ना कभी, yeah-yeah

इस हसीं समय की ये राहत समझ में आने लगी
बन जाएगी ये ख़ुशी, मिल जाएगी ये ख़ुशी
कितने समय गुज़र गए, बिछड़ गए समय
बन जाएगी ये ज़मीं

कभी मैं चाहूँ सबके लिए, खुल जाएँ दिल में छुपे
छोटे-छोटे ग़म के गिले
हो, कभी, मैं चाहूँ तेरे लिए, मैं चाहूँ मेरे लिए
जो गाऊँ सब के लिए

जंगलों और समंदरों में समीं (समीं)
है राहतें जो मिले ना कभी, yeah-yeah (yeah)

इस हसीं समय की ये राहत समझ में आने लगी (लगी)
बन जाएगी ये ख़ुशी, मिल जाएगी ये ख़ुशी (हो)
कितने समय गुज़र गए, बिछड़ गए समय (समय)
बन जाएगी ये ज़मीं

इस समय में इल्तिजा, बुझ जाएगी निशाँ कि तरह
गाऊँ मैं अभी यही, यही, यही, yeah
ओ, मुझको मेरे ख़ुदा, हमेशा वो सदा
गाओ ज़रा यही, यही, यही, yeah

हूँ दीवाना मैं तेरा, दीवाना तू मेरा
खामोशी है यहाँ

इस हसीं समय की ये राहत समझ में आने लगी
बन जाएगी ये ख़ुशी, मिल जाएगी ये ख़ुशी
कितने समय गुज़र गए, बिछड़ गए समय
बन जाएगी ये ज़मीं (yeah-e-yeah, yeah)

इस हसीं समय की ये राहत समझ में आने लगी
बन जाएगी ये ख़ुशी, मिल जाएगी ये ख़ुशी
कितने समय गुज़र गए, बिछड़ गए समय (समय)
बन जाएगी ये ज़मीं (-जाएगी ये ज़मीं)

कभी
कभी
कभी



Credits
Writer(s): Josh, Q
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