Tu Meri Dost Hain

आजा मैं हवाओं पे बिठा के ले चलु
तू ही तो, तू ही तो मेरी दोस्त हैं
आजा में खलों में उठाके ले चलु
तू ही तो मेरी दोस्त हैं
आवाज़ का दरिया हूँ
बेहता हूँ में नीली रातों में
मैं जागता रहता हूँ
नींद भरी झील से आँखों में आवाज़ हूँ में

आजा में हवाओं पे बिठा के ले चलु
तू ही तो, तू ही तो मेरी दोस्त हैं
आजा में खला में उठाके ले चलु
तू ही तो मेरी दोस्त हैं

रात में चाँदनी कभी
ऐसे गुनगुनाती हैं
सुन्न ज़रा लगता हैं तुमसे
आवाज़ मिलाती हैं

मैं ख़यालों की महेक हु
गुनगुनाते साज़ पर
हो सके तो मिलाले

आवाज़ को मेरे साज़ पर

आजा में हवाओं पे बिठा के ले चलु
तू ही तो मेरी दोस्त हैं
आजा में खलों में उठाके ले चलु
तू ही तो मेरी दोस्त हैं

आवाज़ का दरिया हूँ
बेहता हूँ में नीली रातों में
मैं जागता रहता हूँ
नींद भारी झील से आँखों में
आवाज़ हूँ मैं

ओ कभी देखा हैं साहिल
जहाँ शाम उतरती हैं
कहते हैं समुंदर से
एक परी गुज़रती हैं
वो रात की रानी हैं
सरगम पर चलती हैं
रे सा रे सा रे सा
सा रे सा सा रे सा

आजा मैं हवाओं पे बिठा के ले चलु
तू ही तो, तू ही तो मेरा दोस्त हैं
आजा में खाला में उठाके ले चलु
तू ही तो मेरा दोस्त हैं

आवाज़ का दरिया हूँ
बहती हूँ में नीली रातों में
मैं जागती रहती हूँ
नींद भारी झील सी आँखों में
आवाज़ हूँ में



Credits
Writer(s): Gulzar, A.r. Rahman
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