Jeevan Se Bhari Teri Ankhen

जीवन से भरी तेरी आँखें
मजबूर करे जीने के लिए, जीने के लिए
सागर भी तरसते रहते हैं
तेरे रूप का रस पीने के लिए, पीने के लिए
जीवन से भरी तेरी आँखें...

तस्वीर बनाए क्या कोई
क्या कोई लिखे तुझ पे कविता
रंगों, छंदों में समाएगी
रंगों, छंदों में समाएगी

किस तरह से इतनी सुंदरता, सुंदरता

एक धड़कन है तू दिल के लिए
एक जान है तू जीने के लिए, जीने के लिए
जीवन से भरी तेरी आँखें...

मधुबन की सुगंध है साँसों में
बाँहों में कमल की कोमलता
किरणों का तेज है चेहरे पे
किरणों का तेज है चेहरे पे

हिरनों की है तुझमें चंचलता, चंचलता

आँचल का तेरे है तार बहुत
कोई चाक-जिगर सीने के लिए, सीने के लिए
जीवन से भरी तेरी आँखें
मजबूर करे जीने के लिए, जीने के लिए
जीवन से भरी तेरी आँखें...



Credits
Writer(s): Anandji V Shah, Kalyanji Virji Shah, Indeewar
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