Mili Khak Mein Mohabbat

मिली ख़ाक में मोहब्बत, जला दिल का आशियाना
मिली ख़ाक में मोहब्बत, जला दिल का आशियाना
जो थी आज तक हक़ीक़त, वही बन गई फ़साना
मिली ख़ाक में मोहब्बत, जला दिल का आशियाना

ये बहार कैसी आई? जो ख़िज़ाँ भी साथ लाई
ये बहार कैसी आई? जो ख़िज़ाँ भी साथ लाई
मैं कहाँ रहूँ चमन में? मेरा लुट गया ठिकाना
मिली ख़ाक में मोहब्बत, जला दिल का आशियाना

मुझे रास्ता दिखाकर मेरे कारवाँ को लुटा
मुझे रास्ता दिखाकर मेरे कारवाँ को लुटा
इधर आ गले लगा लूँ तुझे गर्दिश-ए-ज़माना

मिली ख़ाक में मोहब्बत, जला दिल का आशियाना
जो थी आज तक हक़ीक़त, वही बन गई फ़साना
मिली ख़ाक में मोहब्बत...



Credits
Writer(s): Ravi, Shakeel Badayuni
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