Yeh Zulf Agar Khul Ke Bikhar Jaye

ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
इस रात की तक़दीर सँवर जाए तो अच्छा

जिस तरह से थोड़ी-सी तेरे साथ कटी है
बाक़ी भी उसी तरह गुज़र जाए तो अच्छा

दुनिया की निगाहों में भला क्या है बुरा क्या
ये बोझ अगर दिल से उतर जाए तो अच्छा

वैसे तो तुम्हीं ने मुझे बरबाद किया है
इल्ज़ाम किसी और के सर जाए तो अच्छा
ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा



Credits
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir
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