Ek Hasina Thi Ek Diwana Tha

इक हसीना थी
इक दीवाना था
क्या उम्र, क्या समा

क्या ज़माना था
इक हसीना थी
हसीना थी
इक दीवाना था
दीवाना था

क्या उम्र थी, क्या समा था
क्या ज़माना था

एक दिन वो मिले
रोज़ मिलने लगे
एक दिन वो मिले

रोज़ मिलने लगे
फिर मोहब्बत हुयी
बस क़यामत हुयी
खो गए तुम कहाँ

सुनके ये दास्ताँ
लोग हैरान है
क्योंकि अनजान है
इश्क की वो गली

बात जिसकी चली
उस गली में
मेरा आना, जाना था
एक हसीना थी
एक दीवाना था

क्या उम्र थी, क्या समा था
क्या ज़माना था
इक हसीना थी
इक दीवाना था

उस हसीं ने कहा
उस हसीं ने कहा

सुनो जान-ए-वफ़ा
ये फलक, ये ज़मीं
तेरे बिन कुछ नहीं
तुझपे मरती हूँ मैं,
प्यार करती हूँ मैं
बात कुछ और थी

वो नज़र चोर थी
उसके दिल में छुपी
चाह दौलत की थी
प्यार का, वो फकत
इक बहाना था

एक हसीना थी
एक दीवाना था
क्या उम्र थी, क्या समा था
क्या ज़माना था
इक हसीना थी
इक दीवाना था

बेवफा यार ने

अपने महबूब से
ऐसा धोखा किया
(ऐसा धोखा किया)
(ऐसा धोखा किया)
(ऐसा धोखा किया)
ज़हर उसको दिया
ज़हर उसको दिया

मर गया वो जवाँ
मर गया वो जवाँ
अब सुनो दास्ताँ
जन्म लेके कहीं
फिर वो पहुंचा वहीं
शक्ल अनजान थी
अक्ल हैरान थी
सामना जब हुआ
सामना जब हुआ
फिर वही सब हुआ
उसपे ये क़र्ज़ था
उसका ये फ़र्ज़ था
फ़र्ज़ को क़र्ज़
अपना चुकाना था



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Kudalkar Laxmikant, Pyarelal Ramprasad Sharma
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link