Teri Zulfon Se Judai to Revival

तेरी ज़ुल्फ़ों से जुदाई तो नहीं माँगी थी
क़ैद माँगी थी, रिहाई तो नहीं माँगी थी
तेरी ज़ुल्फ़ों से जुदाई तो नहीं माँगी थी
क़ैद माँगी थी, रिहाई तो नहीं माँगी थी

मैंने क्या ज़ुल्म किया, आप ख़फ़ा हो बैठे
प्यार माँगा था, ख़ुदाई तो नहीं माँगी थी
क़ैद माँगी थी, रिहाई तो नहीं माँगी थी

मेरा हक़ था तेरी आँखों की छलकती मय पर
चीज़ अपनी थी, पराई तो नहीं माँगी थी
क़ैद माँगी थी, रिहाई तो नहीं माँगी थी

अपने बीमार पे, इतना भी सितम ठीक नहीं
तेरी उल्फ़त में, बुराई तो नहीं माँगी थी
क़ैद माँगी थी, रिहाई तो नहीं माँगी थी
तेरी ज़ुल्फ़ों से जुदाई तो नहीं माँगी थी
क़ैद माँगी थी, रिहाई तो नहीं माँगी



Credits
Writer(s): Jaikshan Shankar, Jaipuri Hasrat
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