Kaise Kategi Zindagi Revival

कैसे कटेगी ज़िंदगी तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर?
कैसे कटेगी ज़िंदगी तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर?
पाऊँगा हर शय में कमी तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर
कैसे कटेगी ज़िंदगी तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर?
फूल खिलें तो यूँ लगे, फूल नहीं, ये दाग़ हैं
फूल खिलें तो यूँ लगे, फूल नहीं, ये दाग़ हैं
तारे फ़लक पे यूँ लगे, जैसे बुझे चिराग़ हैं

आग लगाए चाँदनी तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर
कैसे कटेगी ज़िंदगी तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर?
चाँद घटा में छुप गया, सारा जहाँ उदास है
चाँद घटा में छुप गया, सारा जहाँ उदास है
कहती है दिल की धड़कनें, तू कहीं आस-पास है

आ के तड़प रहा है जी तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर?
पाऊँगा हर शय में कमी तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर
कैसे कटेगी ज़िंदगी तेरे बग़ैर, तेरे बग़ैर?



Credits
Writer(s): Madan Mohan, Raja Khan
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