Mere Naina Sawan Bhadon

मेरे नैना सावन भादों
फिर भी मेरा मन प्यासा
फिर भी मेरा मन प्यासा

मेरे नैना सावन भादों
फिर भी मेरा मन प्यासा
फिर भी मेरा मन प्यासा

ए दिल दीवाने, खेल है क्या जाने
दर्द भरा ये गीत कहाँ से इन होठों पे आए
दूर कहीं ले जाए

भूल गया क्या?
भूल के भी है मुझ को याद ज़रा सा
फिर भी मेरा मन प्यासा

बात पुरानी है, एक कहानी है
अब सोचूँ तुम्हें याद नहीं है
अब सोचूँ नहीं भूले वो सावन के झूले
रुत आए, रुत जाए दे कर, झूठा एक दिलासा
फिर भी मेरा मन प्यासा

बरसों बीत गए, हम को मिले-बिछड़े
बिजुरी बन कर गगन पे चमकी बीते समय की रेखा
मैंने तुमको देखा
मन संग आँख-मिचौली खेलें आशा और निराशा
फिर भी मेरा मन प्यासा

मेरे नैना सावन भादों
फिर भी मेरा मन प्यासा
फिर भी मेरा मन प्यासा
फिर भी मेरा मन प्यासा



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Rahul Dev Burman
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