O Haseena Zulfon Wali (Revival)

ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जानेजहाँ
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जानेजहाँ
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ

वो अन्जाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ

गर्म है, सेज़ है, ये निगाहें मेरी
काम आ, जायेगी सर्द, आहें मेरी
तुम किसी, राह में, तो मिलोगे कहीं
अरे! इश्क़ हूँ, मैं कहीं ठहरता ही नहीं
मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवां

ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जानेजहाँ
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ

वो अन्जाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ

छिप रहे, है ये, क्या ढंग है आपका?
आज तो, कुछ नया, रंग है आपका
है! आज की, रात मैं, क्या से क्या हो गयी
अह! आपकी सादगी, तो भला हो गयी
मैं ही हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवां

ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जानेजहाँ
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ

वो अन्जाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ

ठहरिये, तो सही, कहिये क्या नाम है
मेरी बदनामियों का वफ़ा नाम है
ओहो! क़त्ल कर के चले ये वफ़ा, खूब है
है! नादां तेरी, ये अदा, खूब है
मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवां
ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जानेजहाँ
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ

वो अन्जाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ



Credits
Writer(s): Rahul Dev Burman, Majrooh Sultanpuri
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