Kuchh Dil Ne Kaha (Revival)

कुछ दिल ने कहा, कुछ भी नहीं
ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा, कुछ भी नहीं

लेता है दिल अंगड़ाइयां, इस दिल को समझाये कोई
अरमां ना आँखें खोल दें, रुसवा ना हो जाये कोई
पलकों की ठंडी सेज पर, सपनों की परियां सोती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा, कुछ भी नहीं

दिल की तस्सली के लिये, झूठी चमक झूठा निख़ार
जीवन तो सूना ही रहा, सब समझे आयी है बहार
कलियों से कोई पूछता, हंसती हैं वो या रोती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा, कुछ भी नहीं



Credits
Writer(s): Azmi Kaifi, Hemant Kumar
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