Woh Hum Na the Woh Tum Na the (Cha Cha Cha) - Commentary

वो हम न थे, वो तुम न थे
वो रहगुज़र थी प्यार की
लूटी जहाँ पे बेवजह पालकी बहार की
वो हम न थे, वो तुम न थे

ये खेल था नसीब का, न हँस सके न रो सके
न तूर पर पहुँच सके, न दार पर ही सो सके
कहानी किससे ये कहें, चढ़ाव की उतार की
लूटी जहाँ पे बेवजह पालकी बाहर की
वो हम न थे, वो तुम न थे

तुम ही थे मेरे रहनुमा, तुम ही थे मेरे हमसफ़र
तुम ही थे मेरी रोशनी, तुम ही ने मुझको दी नज़र
बिना तुम्हारे ज़िंदगी शमा है एक मज़ार की
लूटी जहाँ पे बेवजह पालकी बाहर की
वो हम न थे, वो तुम न थे

ये कौन सा मुक़ाम है, फ़लक नहीं ज़मी नहीं
के शब नहीं सहर नहीं, के ग़म नहीं ख़ुशी नहीं
कहाँ ये लेके आ गई हवा तेरे दयार की
लूटी जहाँ पे बेवजह पालकी बाहर की, वो हम न थे, वो तुम न थे

गुज़र रही है तुमपे क्या बनाके हमको दर-ब-दर
ये सोचकर उदास हूँ, ये सोचकर है चश्मतर
ना चोट है ये फूल की, ना है ख़लिश ये ख़ार की
लूटी जहाँ पे बेवजह पालकी बाहर की, वो हम न थे, वो तुम न थे



Credits
Writer(s): Neeraj, Iqbal Qureshi
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