Dheere Dheere Chal Chand

धीरे-धीरे चल चाँद गगन में
धीरे-धीरे चल चाँद गगन में
धीरे-धीरे चल चाँद गगन में
अरे, धीरे-धीरे चल चाँद गगन में

कहीं ढल ना जाए रात, टूट ना जाएँ सपने
अरे, धीरे-धीरे चल चाँद गगन में
कहीं ढल ना जाए रात, टूट ना जाएँ सपने
अरे, धीरे-धीरे चल चाँद गगन में

तू झूम के चले तो दिल पे चले कटारी
हो, है मीठी छुरी ये ज़ालिम नज़र तुम्हारी
तू झूम के चले तो दिल पे चले कटारी
हो, है मीठी छुरी ये ज़ालिम नज़र तुम्हारी

गुन-गुन गूँजे राग आज पवन में
अरे, धीरे-धीरे चल चाँद गगन में
कहीं ढल ना जाए रात, टूट ना जाएँ सपने
अरे, धीरे-धीरे चल चाँद गगन में

वो क्या चीज़ थी? मिला के नज़र पिला दी
हो, हुआ वो असर कि हम ने नज़र झुका दी
वो क्या चीज़ थी? मिला के नज़र पिला दी
हो, हुआ वो असर कि हम ने नज़र झुका दी

अरे, होंगी दो-दो बात आज मिलन में
धीरे-धीरे चल चाँद गगन में
कहीं ढल ना जाए रात, टूट ना जाएँ सपने
अरे, धीरे-धीरे चल चाँद गगन में

दो दिल मिल गए, दीए जल गए हज़ारों
हो, अजी, तुम मिल गए तो गुल खिल गए हज़ारों
दो दिल मिल गए, दीए जल गए हज़ारों
हो, अजी, तुम मिल गए तो गुल खिल गए हज़ारों

रिमझिम बरसे प्यार आज चमन में
अरे, धीरे-धीरे चल चाँद गगन में
कहीं ढल ना जाए रात, टूट ना जाएँ सपने
अरे, धीरे-धीरे चल चाँद गगन में

धीरे-धीरे चल...



Credits
Writer(s): Rahul Dev Burman, Gulshan Bawra
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