Mere Mehboob Tujhe Meri Muhabbat

मेरे महबूब तुझे
मेरी मुहब्बत की क़सम
मेरे महबूब तुझे
मेरी मुहब्बत की क़सम
फिर मुझे नरगिसी आँखों का सहारा दे दे
मेरा खोया हुआ रंगीन नज़ारा दे दे
मेरे महबूब तुझे
मेरी मुहब्बत की क़सम
ऐ मेरे ख़्वाब की ताबीर
मेरी जान-ए-ग़ज़ल
ज़िन्दगी मेरी तुझे
याद किये जाती है
रात दिन मुझको सताता है तस्सव्वुर तेरा
दिल की धड़कन तुझे आवाज़ दिये जाती है
आ मुझे अपनी सदाओं का सहारा देदे
मेरा खोया हुआ रंगीन नज़ारा देदे
मेरे महबूब तुझे
मेरी मुहब्बत की क़सम
याद है मुझको मेरी उम्र की पहली वो घड़ी
तेरी आँखों से कोई
जाम पिया था मैंने
मेरी रग-रग में कोई
बर्क सी लहराई थी
जब तेरे मरमरी हाथों को छुआ था मैंने
आ मुझे फिर उन्हीं हाथों का सहारा देदे
मेरा खोया हुआ रंगीन नज़ारा देदे
मेरे महबूब तुझे
मेरी मुहब्बत की क़सम
सामने आके ज़रा परदा उठादे रुख से
इक यही मेरा इलाज-ए-ग़म-ऐ तन्हाई है
तेरी फ़ुरक़त ने परेशान किया है मुझको
अब तो मिल जा के मेरी जान पे बन आई है
दिल को भूली हुई यादों का सहारा दे दे
मेरा खोया हुआ रंगीन नज़ारा दे दे
मेरे महबूब तुझे
मेरी मुहब्बत की क़सम
मेरे महबूब तुझे



Credits
Writer(s): Shakeel Badayuni, Naushad
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