Mehtab Tera Chehra

महताब तेरा चेहरा किस ख़्वाब में देखा था?
ऐ हुस्न-ए-जहाँ, बतला तू कौन, मैं कौन हूँ?
ख़्वाबों में मिलें अक्सर, इक राह चलें मिलकर
फिर भी है यही बेहतर, मत पूछ मैं कौन हूँ
महताब तेरा चेहरा...

क्यूँ घिरी घटा, तू ही बता
क्यूँ हँसी फ़िज़ा, तू ही बता
फूल क्यूँ खिला, तू ही बता

किस राह पे चलना है? किस गाह पे रुकना है?
इस काम को करना है, बतला कि मैं कौन हूँ?
महताब तेरा चेहरा...

ज़िंदगी को तू गीत बना
दिल के साज़ पे झूम के गा
इस जहाँ को तू प्यार सीखा

महताब तेरा चेहरा किस ख़्वाब में देखा था?
ऐ हुस्न-ए-जहाँ, बतला तू कौन, मैं कौन हूँ?
ख़्वाबों में मिलें अक्सर, इक राह चलें मिलकर
फिर भी है यही बेहतर, मत पूछ मैं कौन हूँ
महताब तेरा चेहरा...



Credits
Writer(s): Lata Mangeshkar Mukesh
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