Aise Jalta Hai Jiya

आजा रे, आजा रे, आजा रे, आ
आजा रे, आजा रे, आजा रे, आ

हाय, ऐसे जलता है जिया जैसे दीया
ऐसे जलता है जिया जैसे दीया
जी ना सकूँ अब मैं तन्हा, हो, पिया

ऐसे जलता है जिया जैसे दीया
ऐसे जलता है जिया जैसे दीया
जी ना सकूँ अब मैं तन्हा, हो, पिया
ऐसे जलता है जिया...

बेचैन मेरे मन का मयूरा
लगता है तन्हा जीवन अधूरा
तन में दबी है बिरह की ज्वाला
अब तो पीला दे अधरों का प्याला

तृष्णा पुकारे मेरी, सुन बैरिया
ऐसे जलता है जिया जैसे दीया
जी ना सकूँ अब मैं तन्हा, हो, पिया
ऐसे जलता है जिया...

तू है अकेला, मैं हूँ अकेली
सूनी पड़ी है सारी हवेली
बेताबियों का पल बेसबर है
अब होने वाली जल्दी सहर है

दूरी मिटा दें मिलके, आ, साथिया
ऐसे जलता है जिया जैसे दीया
जी ना सकूँ अब मैं तन्हा, हो, पिया
ऐसे जलता है जिया...

जिया, जिया, जिया



Credits
Writer(s): Sameer
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