Mohe Panghat Pe (Mughal-e-Azam)

मोहे पनघट पे नन्दलाल छेड़ गयो रे×2

मोरी नाजुक कलईया मरोड़ गयो रे
मोहे पनघट पे...×2
...

कंकरी मोहे मारी, गगरिया फोर डारी

मोरी सारी अनारी भिगोय गयो रे×2

मोहे पनघट पे...
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नैनों से जादू किया, जियरा मोह लिया

मोरा घूँघटा नजरियो से तोड़ गयो रे×2
...
मोहे पनघट पे...



Credits
Writer(s): Shakeel Badayuni
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